• Kirti gupta posted an update 10 months, 3 weeks ago

    कुछ इस तरह हमें खुद से मोहब्बत है,
    भूल कर दुनिया को दिल में ख्वाहिशों की एक शिद्दत है।
    भूल ना जाऊं मैं इस भीड़ में खुद को कहीं,
    कुछ इस तरह मुझे अपनी खुशियों में जीने की चाहत है।
    बिन वजह खुद को देखकर कभी कभी यूं मुस्कुराना,
    जिंदगी की समस्याओं के चक्कर में मेरा खुद में ही उलझ जाना,
    अपने दिल और दिमाग को फिर एक साथ समझाना,
    कुछ इस तरह मिल ही जाता है खुद से प्यार करने का बहाना।
    जिंदगी में ना जाने कितने ही इत्तेफाक हैं,
    कभी खुद की तो कभी लोगों की बातों का ना कोई जवाब है।
    तो क्या थककर इन मंजरो से हमें मुस्कुराना छोड़ देना चाहिए?
    या फिर आसमा को देखकर हमें खुलकर कर जीना चाहिए?
    मैं क्या कहती हूं-
    भूल कर सारी रंजिशें चल एक नई

    शुरुआत करते हैं,
    डूब कर खुद की ही बातों में कुछ इस तरह हम खुद से फिर से प्यार करते हैं।।